Friday, May 29, 2015
Wednesday, May 6, 2015
ऐसी थी महान, महारानी माँ अहिल्याबाई...
ऐसी थी महान , महारानी माँ अहिल्याबाई...
समाज का अंधकार नष्ट करके ,
परिवर्तन की ज्योत लायी !
पूरब से पच्छिम तक , उत्तर से दक्षिण तक,
जनहित के लिए , स्वार्थ बिना कार्य करते आयी !
सभी धर्म - जातियों - भाषाओंका का सन्मान करते हूए ,
सर्वधर्मसमभाव का आदर्ष लेकर आयी !
ऐसी थी महान , महारानी माँ अहिल्याबाई...
कई मार्गो , पुलों , जलाशयों , धर्मशालाओं निर्माण कराकर ,
एक बड़ी सामाजिक आवश्यकता की पूर्ति कराई !
तिस साल तक शांतिपूर्वक विशाल राज्य का ऐश्वर्य बढ़ाई...
सभी जाती , वर्ग , समाज , भाषा तथा देश - विदेश में प्रशंसा पायी !
दान - धर्म और 'समान न्याय ' देते हूए ,
अहिल्याबाई से 'अहिल्या ' 'देवी ' बन गयी !
थी ऐसी महान , महारानी माँ अहिल्याबाई...
- सुदर्शन अक्कीसागर
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कविता,
महाराणी अहिल्याबाई होलकर,
होळकर
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